साहित्य
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- साहित्यसंगीतकलाविहीनः साक्षात् पशुः पुच्छविषाणहीनः । -- भर्तृहरि
- अर्थ : साहित्य संगीत और कला से हीन पुरूष साक्षात् पशु ही है जिसके पूँछ और् सींग नहीं हैं ।
- कीरति भनिति भूति भलि सोई।
- सुरसरि सम सब कहँ हित होई॥ -- गोस्वामी तुलसीदास
- साहित्य समाज का दर्पण होता है।
- सच्चे साहित्य का निर्माण एकान्त चिन्तन और एकान्त साधना में होता है। -- अनन्त गोपाल शेवड़े
- साहित्य का कर्तव्य केवल ज्ञान देना नहीं है , परन्तु एक नया वातावरण देना भी है। -- डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन
- साहित्य आम लोगों के बारे में कुछ असाधारण की खोज, और साधारण शब्दों में कुछ असाधारण के साथ कहने की कला है। -- बोरिस पास्टेरनक
- अंततः, साहित्य कुछ भी नहीं सिर्फ बढ़ईगीरी है। दोनों के साथ आप वास्तविकता के साथ काम कर रहे हो, एक सामग्री के साथ जो लकड़ी की तरह सख्त है। -- गेब्रियल गार्सिया मार्केज़
- यदि साहित्य सब कुछ नहीं है, यह किसी के लिए परेशानी का एक घंटे के लायक नहीं है। -- ज्यां पॉल सार्त्र
- हम बहुत ज्यादा जानते हैं, और बहुत कम के प्रति आश्वस्त हैं। हमारा साहित्य धर्म के लिए एक विकल्प है, और इसलिए हमारे धर्म है। -- टी एस एलियट
- मैं किसी भी रचनात्मक लेखन कार्यशाला में नहीं गया; मैंने साहित्य में बड़ी उपाधि नहीं ली । यदि मैं लिख सकता हूँ तो कोई भी लिख सकता है। जरूरत सिर्फ कल्पना की है। -- विकास स्वरूप
- चिकित्सा मेरी वैध पत्नी और साहित्य मेरी मालकिन है; जब मैं एक से थक जाता हूँ, मैं दूसरे के साथ रात बिताता हूँ। -- एंटोन चेखव
- साहित्य और तितलियां मनुष्य के दो मधुर ज्ञात भावनाएं होती हैं। -- व्लादिमीर नबोकोव
- सारा साहित्य गपशप है। -- ट्रूमैन कपौट
- अमेरिकी साहित्य हमेशा से आप्रवासी रहा है।
- अच्छा गद्य लिखने की कला चीजों उनके सही नाम से पुकारने की कला है। -- रैल्फ फॉक्स
- गद्य जीवन संग्राम की भाषा है। -- सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
- यदि गद्य कवियों की कसौटी है तो निबंध गद्य की कसौटी है। भाषा की पूर्ण शक्ति का विकास निबंधों में ही सबसे अधिक संभव होता है। -- आचार्य रामचंद्र शुक्ल
- कहानी ऐसी रचना है जिसमें जीवन के किसी अंग या किसी एक मनोभाव को प्रदर्शित करना ही लेखक का उद्देश्य रहता है। उसके चरित्र, उसकी शैली, उसका कथा-विन्यास सभी उसी एक भाव को पुष्ट करते हैं। -- मुंशी प्रेमंचद
- हर आदमी की स्मृति उसका निजी साहित्य है। -- अल्ड्स हक्सले
- काव्य साहित्य का ताज है। -- डब्ल्यू सोमरसेट मौघम
- श्रद्धा साहित्य के लिए घातक है। -- ई. एम. फोरस्टर
- प्रतिभा साहित्य का एकमात्र स्कूल है। -- व्लादिमीर नबोकोव