iBet uBet web content aggregator. Adding the entire web to your favor.
iBet uBet web content aggregator. Adding the entire web to your favor.



Link to original content: https://hi.wikiquote.org/wiki/रत्न
रत्न - विकिसूक्ति सामग्री पर जाएँ

रत्न

विकिसूक्ति से
  • पृथिव्यां त्रिणि रत्नानि जलमन्नं सुभाषितम् ।
मूढैः पाषाणखण्डेषु रत्नसंज्ञा विधीयते ॥
इस पृथ्वी पर तीन रत्न हैं- जल, अन्न और सुभाषित; लेकिन अज्ञानी पत्थरों के टुकड़ों को ही रत्न कहते हैं।
  • दाने तपसि शौर्ये च विज्ञाने विनये नये ।
विस्मयो न कर्तव्यो बहुरत्ना वसुन्धरा ॥ -- चाणक्य नीति (१४/८)
दान देने में अग्रणी , तपस्वी, शूरवीर, वैज्ञानिक , विनम्र स्वभाव वाले तथा अपने सिद्धान्तों पर सदैव दृढ रहने वाले किसी महान व्यक्ति को देख कर आश्चर्य नहीं करना चाहिये क्योंकि इस पृथ्वी को सुशोभित करने वाले ऐसे एक से बढ़कर और भी महान व्यक्ति हैं।
  • रत्नं रत्नेन संगच्छते । -- मृच्छकटिक में विट की उक्ति
रत्न, रत्न के साथ जाता है।
  • लज्जा नारी का अमूल्य रत्न है।
  • विद्वान और प्रबुद्ध व्यक्ति समाज के अनमोल रत्न हैं। -- चाणक्य

इन्हें भी देखें

[सम्पादन]