तारा
तारा या नछत्तर एगो खगोलीय वस्तु छेकै जेकरा म॑ प्लाज्मा केरऽ एगो प्रकाशमान गोलाकार होय छै जेकरा आत्म-गुरुत्वाकर्षण द्वारा एक साथ रखलऽ जाय छै। पृथ्वी केरौ सबसँ निकटम तारा सूर्य छेकै। आरू ढेरी सिनी तारा राति मँ नग्न आँखि सँ देखै मँ आबै छै, एखनी पृथ्वी सँ एकरौ अपार दूरी केरौ कारण ई प्रकाश के स्थिर बिन्दु के रूप मँ देखाय छै। सबसँ प्रमुख तारा सिनी के नक्षत्र आरो एसट्रेरिज्म मँ वर्गीकृत करलौ गेलौ छै आरो ढेरी सिनी चमकदार तारा सिनी क उचित नाम छै। खगोलशास्त्री न॑ तारा कैटलॉग जेरौ करलौ छै जे ज्ञात तारा के पहचान करै छै आरू मानकीकृत तारकीय पदनाम प्रदान करै छै। अवलोकनीय ब्रह्माण्ड मँ अनुमानित १०२२ सँ १०२४ तारा छै। एकरे मँ सँ मात्र लगभग ४,००० तारा नग्न आँखि सँ देखाय मँ अबै छै ई सिनी आकाशगंगा मन्दाकिनी के भीतर छै।
तारा केरऽ जीवन के शुरुआत मुख्य रूप स॑ हाइड्रोजन स॑ बनलऽ पदार्थ केरऽ गैसीय नीहारिका के गुरुत्वाकर्षण के साथ पतन स॑ होय छै, साथ ही साथ हीलियम आरू थोड़ऽ मात्रा म॑ भारी तत्व भी होय छै। एकरऽ कुल द्रव्यमान एकरऽ विकास आरू अंतिम भाग्य के निर्धारण करै वाला मुख्य कारक छै। एक तारा अपनऽ अधिकांश सक्रिय जीवन लेली चमकै छै, जेकरऽ कारण छै ओकरऽ क्रोड म॑ हाइड्रोजन केरऽ हीलियम म॑ नाभिकीय संलयन होय छै। ई प्रक्रिया ऊर्जा छोड़ै छै जे तारा केरऽ भीतरी भाग क॑ पार करी क॑ बाहरी अंतरिक्ष म॑ विकिरण करै छै। कोनो तारा केरऽ जीवनकाल के अंत में ओकरऽ क्रोड तारकीय अवशेष बनी जाय छै: जेना एगो उज्जरौ बौना तारा, एगो न्यूट्रॉन तारा या — यदि ई पर्याप्त विशाल होय छै त - एगो कृष्ण विवर।