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About: Spice trade

About: Spice trade

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The spice trade involved historical civilizations in Asia, Northeast Africa and Europe. Spices such as cinnamon, cassia, cardamom, ginger, pepper, nutmeg, star anise, clove, and turmeric were known and used in antiquity and traded in the Eastern World. These spices found their way into the Near East before the beginning of the Christian era, with fantastic tales hiding their true sources.

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  • La ruta de les espècies és la que es va originar pel comerç d'espècies entre civilitzacions històriques d'Àsia, Àfrica del nord-est i Europa. Es coneixien espècies com la canyella, la cassia, el cardamom, el gingebre, el pebre i la cúrcuma i altres com encens, cànems, herbes que es van utilitzar en l'antiguitat per al comerç amb ell món oriental. Aquestes espècies van trobar el seu camí cap a l'Orient Mitjà abans del començament de l'era cristiana, on els comerciants van retenir les veritables fonts d'aquestes espècies que sovint es van associar amb històries fantàstiques. Les civilitzacions de l'Àsia estaven involucrades en el comerç d'espècies des dels temps antics, per tot l'oceà índic fins que van trobar el camí cap Europa a través de l'esmentada ruta natural de l'Orient Mitjà, que al quedar tancada amb la caiguda de l'Imperi Romà d'Orient, va forçar l'exploració d'una ruta marítima al voltant de l'Àfrica donant pas a l'era dels descobriments. (ca)
  • طريق التوابل هو طريق تجارية كان يصل القارات في حضارات العالم القديم لتجارة التوابل بين آسيا والقرن الأفريقي وأوروبا. كانت مختلف أنواع التوابل سلعة متداولة بين التجار من بينها القرفة والهال والزنجبيل والفلفل الأسود والكركم وغيرها. كانت طريق التوابل تبدأ من الهند، وكان التجار يتداولون بها إلى أن تصل إلى الموانئ والمرافئ البحرية أو عبر الطرق البرية. كان التجار العرب معروفين بهذه التجارة وازدهرت عدة مدن عربية عبر هذه الطريق التجارية. "وكان للتوابل تاريخ طويل في آسيا قبل وصول الأوروبيين إلى تلك المناطق بوقت طويل. وألهمت معرفة الأوروبيين بالتوابل وتذوقهم لها أساطير وحكايا متعلقة بالفردوس المفقود، وبالشعوب والأماكن البعيدة عنهم. وأوحت التوابل بأن تلك النباتات الغريبة كانت جزءا من عبير الفردوس. وفي الاقتصاد والتجارة، كانت التوابل مصدرا للثراء وأساساً للتجارة العالمية والصراع أيضاً. يعرف التابل بأنه عادة الجزء العطر من نبتة استوائية، سواء أكان في جذرها أم لحائها أم زهرتها أم بذرتها. وجميع التوابل ذات منشأ آسيوي، باستثناء الفانيلا والفلفل الحار والفلفل الحلو. والتوابل الرئيسية هي: القرفة، والقرنفل، والفلفل الأسود، وجوزة الطيب، والفلفل الحار. وهناك بالطبع توابل أخرى كثيرة، مثل الهال والزنجبيل والكركم. عرف اليونانيون القرفة عن طريق الفينيقيين الذين كانوا يعملون في التجارة البحرية، وهي تستخرج من لحاء شجرة دائمة الخضرة من عائلة الغاريّات. وتتناسب القرفة مع عدد كبير من أطباق الحلوى، بالإضافة إلى الكعك والخبز، كما تتماشى مع التفاح والموز والإجاص، وبشكل خاص مع الشوكولاته. أما القرنفل، فيعود أصله إلى أندونيسيا، ويمكن استخدامه مع المأكولات الحلوة والحارة، ويستخدم أيضا في الطب للشفاء من الآلام والأمراض. ويعود أصل الفلفل الحار إلى الأميركتين الوسطى والجنوبية وجزرالكاريبي، وتعود جذور جوزة الطيب إلى جزيرة باندا الأندونيسية، وتنمو على شجرة دائمة الخضرة يمكن أن تصل إلى ارتفاع 20 مترا، فيما تعود أصول الفلفل الأسود إلى ساحل مليبار جنوب الهند. كانت القرفة والسنا والقرنفل أكثر التوابل المرغوبة في العالم القديم. وسيطرت الصين على تجارة القرفة لفترة من الزمن، ثم شارك الفينيقيون والعرب في تجارتها ونقلها إلى أنحاء العالم. وتوسعت تجارة واستخدامات التوابل مع ازدهار الإمبراطورية الرومانية، واتسعت تجارة التوابل مع صعود الدولة العربية الإسلامية ثم النهضة الأوروبية التي بدأت بالحروب الصليبية، وتبعها نشوء دول ومدن مزدهرة وقائمة على التجارة مع الشرق. وباتساع الدولة الإسلامية شرقا وغربا، اتسعت معها تجارة ومراكز التوابل في العالم من أندونيسيا شرقا إلى الأندلس غرباً". "وفي القرون الوسطى، وبدءاً من القرن العاشر الميلادي، راحت الحملات الصليبية على الشرق تهتم أيضاً بالبهارات والتوابل. وقد اكتشفت الطرق التجارية المؤدية إليها، وراحت تشتريها أو تستولي عليها بالقوة وتجيء بها إلى أوروبا لكي يستمتع بها الكبار على مائدة طعامهم. والتجارة بها كانت تدر ربحاً كبيراً على أصحابها. وكانت سفن إيطاليا والبندقية وجنوة تحملها معها من مدائن الشرق إلى أسواق مدينة ليون الكبيرة. وهي المدينة الثانية في فرنسا من حيث الأهمية. ولكنها كانت تنقلها أيضاً عن طريق ميناء مارسيليا ومونبيلييه. وفي ذلك الوقت كان الخمر القادم من إيطاليا وأسبانيا يُعطَّر برائحة البهارات والتوابل. ولكن قيمة التوابل والبهارات وبخاصة الفلفل كانت كبيرة إلى درجة أنها كانت صعبة المنال بالنسبة للناس العاديين. وكان الأمراء والأغنياء هم وحدهم القادرون على شرائها. وأصبحت البهارات تستخدم كعقاقير طبية مثلما تستخدم في التغذية من أجل أن تصبح طيبة وشهية. وبالتالي فقد أصبحت الحوانيت التي تبيعها عبارة عن صيدليات وحوانيت في ذات الوقت. فقد كانوا يعتقدون بأنها تشفي من بعض الأمراض أو تساعد على الشفاء. وأصبحت منطقة مارسيليا هي مركز تجارة التوابل في القرون الوسطى. ومعلوم أن التوابل كانت تصل من الإسكندرية في مصر إلى ميناء مارسيليا عن طريق التجار الإيطاليين الذين يتعاملون مع العرب. وكان الجميع يربحون أموالاً طائلة من جرّاء ذلك. ثم ابتدأ البحارة البرتغاليون في السفر إلى شواطئ أفريقيا السوداء بحثاً عن التوابل من فلفل أسود وزعفران، وزنجبيل، وكبش القرنفل، والقرفة، وجوزة الطيب، إلخ. أما كريستوف كولومبوس فقد انطلق عام 1492 في سفينته بحثاً عن الذهب والتوابل. وكان يأمل بذلك أن يصل إلى شواطئ الهند. ومعلوم أن تلك البلاد مشهورة بزراعة التوابل والبهارات وأنها تصدرها للعالم كله. وكان الأسبانيون والبرتغاليون يريدون السيطرة على الطرق التجارية للتوابل والبهارات. كما وكانوا يريدون أن يكسروا احتكار التجار العرب لهذه المواد الثمينة والمرغوبة من قبل الجميع. وقد وصل الرحالة البرتغالي فاسكو دي غاما إلى الهند بعد أن عبر رأس الرجاء الصالح عام 1497. وعندما رآه التجار العرب أصيبوا بالدهشة والذهول وسألوه: بالله عليك، كيف استطعت أن تصل إلى هنا؟! وكان ذلك يعني أنهم خافوا على مصالحهم لأنهم عرفوا أن احتكارهم لتجارة التوابل قد انتهى". وكان التجار العرب أول من نقل البهارات من الصين والهند نحو الغرب الأوروبي. وكانوا متحالفين آنذاك مع تجار البندقية الشيء الذي أتاح لهم أن يشكلوا قوة بحرية لا يستهان بها. وقد لعبوا دوراً كبيراً في حوض البحر الأبيض المتوسط، وبالتالي فالعلاقات بين العرب وأوروبا لم تنقطع على الرغم من كل ما حصل من حروب صليبية وسواها. وبدءاً من القرن الخامس عشر عبر البحارة الإيطاليون رأس الرجاء الصالح كما قلنا وانطلقوا لفتح أسواق تلك التجارة ذات المردود الكبير، ووصلوا إلى شواطئ أفريقيا والهند والجزر. وفي القرن السابع عشر جاء دور التجار الهولنديين الذين سيطروا على قطاعات واسعة من تجارة التوابل والبهارات. بل واستعمروا الكثير من مناطق الشرق الأقصى والجزر المليئة بهذا النوع من الأعشاب. وهكذا نلاحظ أن السيطرة على هذه المواد الثمينة كانت أحد أسباب الاستعمار. وهذا ما فعله الإنجليز عندما أسسوا شركة الهند الشرقية للسيطرة على سلع الهند والمتاجرة بها. ثم انتهى بهم الأمر إلى استعمار الهند كلها، وعندئذ شكلوا إمبراطورية شاسعة واسعة لا تغيب الشمس عن ممتلكاتها. ثم جاء الفرنسيون لكي ينافسوهم على هذه التجارة. ففي عام 1654 وصل التجار الفرنسيون إلى جزر الهند وأنشأوا هناك بعض المكاتب التجارية، وكان ذلك في عهد الوزير كولبير والملك الشهير لويس الرابع عشر. وكان الإنجليز والفرنسيون يتنافسون على استعمار العالم القديم. وكثيراً ما حصلت الحروب بينهم، وفي بعض الأحيان كان الفرنسيون هم الذين ينتصرون على الإنكليز، ولكن في معظم الأحيان كان يحصل العكس. ولكي يكسر الفرنسيون احتكار الإنجليز لتجارة البهارات والتوابل فإنهم راحوا يزرعونها في الجزر التي سيطروا عليها والتي يتناسب مناخها مع هذه الحشائش أو النباتات. ومن بين هذه الجزر نذكر مدغشقر، وجزيرة موريشيوس، وسواهما. ولكن الإنجليز كانوا يهيمنون على تجارة البهارات والتوابل في القرن الثامن عشر: أي في الوقت الذي أخذت فيه أسعارها تنخفض. وفي القرن التاسع عشر نلاحظ أن زراعة البهارات والتوابل راحت تتسع وتنتشر في كل مكان تقريباً. ولم تعد محصورة بالشرق الأقصى أو بالجزر الاستوائية. (ar)
  • Το εμπόριο μπαχαρικών αναφέρεται στο εμπόριο μεταξύ ιστορικών πολιτισμών στην Ασία, τη Βορειοανατολική Αφρική και την Ευρώπη. Μπαχαρικά όπως κανέλα, κασσία, κάρδαμο, πιπερόριζα, πιπέρι και κουρκουμάς ήταν γνωστά και χρησιμοποιήθηκαν στην αρχαιότητα για εμπόριο στον Ανατολικό κόσμο. Αυτά τα μπαχαρικά βρήκαν το δρόμο τους για την Εγγύς Ανατολή πριν από την έναρξη της χριστιανικής εποχής, όπου οι πραγματικές πηγές αυτών των μπαχαρικών σταμάτησαν από τους εμπόρους και συνδέονταν με φανταστικές ιστορίες. Η ναυτιλιακή πτυχή του εμπορίου κυριαρχήθηκε από τους στη Νοτιοανατολική Ασία, οι οποίοι καθιέρωσαν τις πρόδρομες εμπορικές οδούς από τη Νοτιοανατολική Ασία (και αργότερα την Κίνα) προς τη Σρι Λάνκα και την Ινδία τουλάχιστον το 1500 π.Χ.. Αυτά τα εμπορεύματα μεταφέρονταν στη συνέχεια χερσαία προς τη Μεσόγειο και τον Ελληνορωμαϊκό κόσμο μέσω του Δρόμου των Μπαχαρικών και της Ινδο-Ρωμαϊκής οδού από Ινδούς και Πέρσες εμπόρους. Οι θαλάσσιες εμπορικοί οδοί των Αυστρονήσιων αργότερα επεκτάθηκαν στη Μέση Ανατολή και την ανατολική Αφρική μέχρι την 1η χιλιετία μ.Χ., με αποτέλεσμα τον αποικισμό της Μαδαγασκάρης από τους Αυστρονήσιους. Σε συγκεκριμένες περιοχές, το Βασίλειο του Αξούμ (περ. 5ος αιώνας π.Χ. - 11ος αι. Μ.Χ.) πρωτοπόρησε στη διαδρομή της Ερυθράς Θάλασσας πριν από τον 1ο αιώνα μ.Χ.. Κατά την πρώτη χιλιετία, οι Αιθίοπες έγιναν η ναυτική εμπορική δύναμη της Ερυθράς Θάλασσας. Μέχρι αυτήν την περίοδο, τα εμπορικά δρομολόγια από τη Σρι Λάνκα (τη ρωμαϊκή Ταπροβανή) και την Ινδία ελέγχονταν επίσης σε μεγάλο βαθμό από τους Ταμίλ που είχαν αποκτήσει θαλάσσια τεχνολογία από τις πρώτες αυστρονήσιες επαφές. Μέχρι τα μέσα του 7ου αιώνα μ.Χ., μετά την , οι Άραβες έμποροι άρχισαν να εκτελούν αυτές τις θαλάσσιες διαδρομές και κυριάρχησαν στις θαλάσσιες διαδρομές του Δυτικού Ινδικού Ωκεανού. Οι Άραβες έμποροι τελικά πήραν τον έλεγχο της μεταφοράς εμπορευμάτων μέσω των Λεβάντων και των Βενετών εμπόρων στην Ευρώπη μέχρι την άνοδο των Σελτζούκων Τούρκων και αργότερα οι Οθωμανοί Τούρκοι έκοψαν τη διαδρομή ξανά το 1090 και το 1453 αντίστοιχα. Οι χερσαίες διαδρομές βοήθησαν αρχικά το εμπόριο μπαχαρικών, αλλά οι θαλάσσιες εμπορικές οδοί οδήγησαν σε τεράστια ανάπτυξη στις εμπορικές δραστηριότητες. Κατά τη διάρκεια των υψηλών και ύστερων μεσαιωνικών περιόδων, οι μουσουλμάνοι έμποροι κυριάρχησαν στις θαλάσσιες εμπορικές οδούς μπαχαρικών σε ολόκληρο τον Ινδικό Ωκεανό, χτυπώντας τις περιοχές προέλευσης στην Ανατολική Ασία και στέλνοντας μπαχαρικά από κέντρα εμπορίου στην Ινδία δυτικά προς τον Περσικό Κόλπο και την Ερυθρά Θάλασσα, από τα οποία οι χερσαίες οδοί οδήγησαν στην Ευρώπη . Το εμπόριο άλλαξε από τις Σταυροφορίες και αργότερα από την Ευρωπαϊκή Εποχή των Ανακαλύψεων, κατά τη διάρκεια της οποίας το εμπόριο μπαχαρικών, ιδίως με μαύρο πιπέρι, έγινε μια δραστηριότητα επιρροής για τους Ευρωπαίους εμπόρους. Η από την Ευρώπη προς τον Ινδικό Ωκεανό μέσω του Ακρωτηρίου της Καλής Ελπίδας πρωτοστάτησε από τον Πορτογάλο εξερευνητή πλοηγό Βάσκο ντε Γκάμα το 1498, με αποτέλεσμα νέες θαλάσσιες διαδρομές για εμπόριο. Αυτό το εμπόριο, το οποίο οδήγησε την παγκόσμια οικονομία από το τέλος του Μεσαίωνα στην Αναγέννηση, οδήγησε σε μια εποχή ευρωπαϊκής κυριαρχίας στην Ανατολή. Τα κανάλια, όπως ο κόλπος της Βεγγάλης, χρησίμευαν ως γέφυρες για πολιτιστικές και εμπορικές ανταλλαγές μεταξύ διαφορετικών πολιτισμών, καθώς τα έθνη αγωνίστηκαν να αποκτήσουν τον έλεγχο του εμπορίου κατά μήκος των πολλών οδών μπαχαρικών. Το 1571, οι Ισπανοί άνοιξαν την πρώτη υπερειρηνική διαδρομή μεταξύ των εδαφών τους στις Φιλιππίνες και το Μεξικό, γνωστή ως , η οποία κράτησε μέχρι το 1815. Οι εμπορικοί δρόμοι της Πορτογαλίας περιορίζονταν κυρίως από τη χρήση αρχαίων διαδρομών, λιμανιών και εθνών που ήταν δύσκολο να κυριαρχηθούν. Οι Ολλανδοί κατάφεραν αργότερα να παρακάμψουν πολλά από αυτά τα προβλήματα, πρωτοπορώντας με μια απευθείας διαδρομή στον ωκεανό από το Ακρωτήριο της Καλής Ελπίδας προς το στην Ινδονησία. (el)
  • Spickomerco estas komerca aktiveco de tre antikva deveno kiu konsistas en la merkatigo de spicoj, kaj aliaj similaj varoj kiel incenso, kanabo, odorherboj ktp. (eo)
  • Historian zehar espezia merkataritzak ibilbide luze eta lehiatsu bat eduki du eta gizarte asko eta asko hartu dute parte honetan, batez ere, Mediterraneo itsaso inguruan kokatzen direnak. Ekialdera joateko bidea bilatu zuten lehenak egiptoarrak izan ziren, eta garai honetako espezia preziatuenak txarpoila, sesamoa, ziapea eta azafraia ziren, eta honetaz gain, olibanoa eta mirra, erritu erlijiosoetarako erabiliak. Espezia hauetako asko Biblian izendatuak dira eta objektu oso baliotsutzat jotzen ziren. Erregeen arteko opariak izan ohi ziren edota gerra baten irabazleak galtzaileei inposatutako zergak. (eu)
  • El comercio de especias es una actividad comercial de origen antiguo que consiste en la comercialización de especias, y otras como inciensos, cáñamos, hierbas. café La sal era el conservador más común y barato , aparte de ella las especias más usadas eran la pimienta que venía de la India , la canela de Ceilán , el jengibre de china y el clavo de olor , las más preciadas de las Islas Molucas.[cita requerida] (es)
  • Les épices et les aromates sont des substances odorantes principalement végétales aux usages multiples. Ces marchandises souvent rares et précieuses ont fait l'objet d'échanges commerciaux dès la Haute Antiquité. L'histoire du commerce des épices s'intéresse surtout au commerce au long cours de ces ressources et à l'influence qu'il a pu avoir sur les différentes civilisations qui l'ont exercé. Bien qu'il y ait des plantes à épices sur tous les continents, quelques espèces du sud asiatique, comme le gingembre, la cannelle et surtout le poivre, ont dicté l'orientation des échanges à grande échelle. La noix de muscade et le clou de girofle, dont la culture était longtemps cantonnée à quelques îles de l'Insulinde, servent souvent de marqueurs des liens tissés entre des peuples et des cultures très éloignés. Les épices faisaient partie des rites de nombreuses religions antiques et comptaient parmi les premières marchandises échangées entre l'Afrique, l'Asie et l'Europe. Depuis les temps les plus reculés, la route de l'encens lie l'Égypte à la Mésopotamie et peut-être à l'Inde par voie terrestre à travers la péninsule Arabique. Elle connait une croissance extraordinaire avec la découverte des vents de mousson à l'époque hellénistique et le commerce des épices devient la source de contacts directs entre les mondes gréco-romain, indien et chinois en parallèle de la route de la soie. Avec la chute de l'Empire romain et l'expansion de l'islam, le centre de gravité du commerce des épices se déplace vers l'Orient. L'océan Indien est le carrefour de tous les mouvements entre les sources de productions de l'Asie du Sud et de l'archipel malais, et les marchés arabo-musulmans et chinois. Les épices atteignent le Levant par les voies du golfe Persique et de la mer Rouge, et sont redistribuées par les marchands méditerranéens. L'Europe médiévale ne joue qu'un rôle très marginal dans ce réseau et achète à prix d'or des marchandises dont elle ignore souvent l'origine. Les grandes découvertes des royaumes ibériques sont grandement motivées par la volonté de capter la manne des épices asiatiques. L'ouverture de la route des Indes par le cap de Bonne-Espérance bouleverse durablement les modalités et l'ampleur de ce commerce, et conduit l'économie mondiale vers les temps modernes. Elle déclenche aussi une période de domination de l'Orient par le Portugal d'abord, puis par les Pays-Bas, l'Angleterre et la France, qui confient cette tâche aux différentes compagnies des Indes. La quête des épices constitue ainsi l'une des racines de l'expansion européenne et a ouvert la voie au colonialisme et aux empires mondiaux. L'intérêt pour les épices diminue assez brusquement à partir de la seconde moitié du XVIIe siècle. Elles sont remplacées par de nouvelles denrées coloniales, comme le sucre, le café, le tabac ou le cacao. Les causes de ce déclin sont débattues, mais il est probable qu'elles soient liées à la disparition de la raison même qui faisait leur succès : une fois levé le voile de mystère et de magie qui entourait leur nature et leurs origines, les épices ont cessé d'enchanter le monde. (fr)
  • Perdagangan rempah mengacu pada perdagangan antara peradaban-peradaban bersejarah di Asia, Afrika Timur, dan Eropa. Rempah-rempah seperti kayu manis, cengkeh, kayu manis cina, kapulaga, jahe, dan kunyit secara luas dikenal, dan sangat dicari dalam perdagangan di Dunia Timur zaman dahulu. Rempah-rempah tersebut menemukan jalan mereka ke Timur Tengah sebelum awal era Kristen, tempat sumber-sumber sebenarnya dari rempah-rempah tersebut dirahasiakan oleh para pedagang, yang mengkait-kaitkannya dengan cerita-cerita yang fantastis. Dunia Yunani-Romawi mengikuti perdagangan ini dengan berdagang di sepanjang dan . Di tengah milenium pertama, rute pelayaran ke Hindustan (sekarang India) dan Sri Lanka (Romawi - ) dikendalikan oleh Hindustan dan Ethiopia yang menjadi kekuatan perdagangan maritim Laut Merah. Kekaisaran Aksum (sekitar abad ke-5 SM- abad ke-11 M) telah merintis rute Laut Merah sebelum abad ke-1 Masehi. Pada pertengahan abad ke-7 bangkitnya Islam berimbas pada ditutupnya rute darat kafilah yang melalui Mesir dan , dan memisahkan komunitas perdagangan Eropa dari Aksum dan Hindustan. Pedagang-pedagang Arab akhirnya mengambil alih pengiriman rempah-rempah melalui pedagang Levant dan pedagang Venesia untuk Eropa, sampai bangkitnya Turki Utsmani yang memotong rute lagi tahun 1453. Jalur darat pada awalnya membantu perdagangan rempah-rempah, tapi rute perdagangan maritim menyebabkan pertumbuhan yang luar biasa dalam aktivitas komersial. Selama periode Abad Pertengahan Tinggi dan Abad Pertengahan Akhir para pedagang Muslim mendominasi rute perdagangan rempah-rempah maritim di seluruh Samudra Hindia, mendapat keuntungan besar dari daerah sumber rempah-rempah di Timur Jauh (Asia Tenggara) dan mengirimkan rempah-rempah dari emporium perdagangan di Hindustan ke arah barat ke Teluk Persia dan Laut Merah, rute darat menuju ke Eropa. Perdagangan rempah-rempah kemudian diubah oleh Zaman Penjelajahan Eropa, di kala perdagangan rempah-rempah, terutama lada hitam, menjadi sebuah kegiatan yang sangat penting bagi para pedagang Eropa. Rute pelayaran dari Eropa ke Samudera Hindia melalui Tanjung Harapan yang memutari Afrika dipelopori oleh penjelajah dan navigator Portugis Vasco da Gama pada tahun 1498, sehingga terciptalah rute maritim baru untuk perdagangan rempah-rempah. Perdagangan rempah-rempah ini kala itu mendorong ekonomi dunia dari akhir Abad Pertengahan sampai ke zaman modern, dan akhirnya mengantarkan era dominasi bangsa Eropa di Dunia Timur. Kanal-kanal seperti Teluk Benggala, digunakan sebagai jembatan untuk pertukaran budaya dan komersial di antara beragam budaya kala negara-negara itu berjuang untuk menguasai perdagangan di sepanjang banyak rute rempah-rempah. Dominasi Eropa berkembang dengan lambat. Rute perdagangan Portugis umumnya dilarang dan dibatasi oleh penggunaan rute kuno, pelabuhan, dan negara-negara yang sulit untuk didominasi. Kerajaan Belanda kemudian mampu melewati banyak masalah ini dengan merintis rute laut langsung dari Tanjung Harapan ke Selat Sunda di Nusantara (sekarang Indonesia). (in)
  • The spice trade involved historical civilizations in Asia, Northeast Africa and Europe. Spices such as cinnamon, cassia, cardamom, ginger, pepper, nutmeg, star anise, clove, and turmeric were known and used in antiquity and traded in the Eastern World. These spices found their way into the Near East before the beginning of the Christian era, with fantastic tales hiding their true sources. The maritime aspect of the trade was dominated by the Austronesian peoples in Southeast Asia, namely the ancient Indonesian sailors who established routes from Southeast Asia to Sri Lanka and India (and later China) by 1500 BC. These goods were then transported by land towards the Mediterranean and the Greco-Roman world via the incense route and the Roman–India routes by Indian and Persian traders. The Austronesian maritime trade lanes later expanded into the Middle East and eastern Africa by the 1st millennium AD, resulting in the Austronesian colonization of Madagascar. Within specific regions, the Kingdom of Axum (5th century BC–AD 11th century) had pioneered the Red Sea route before the 1st century AD. During the first millennium AD, Ethiopians became the maritime trading power of the Red Sea. By this period, trade routes existed from Sri Lanka (the Roman Taprobane) and India, which had acquired maritime technology from early Austronesian contact. By mid-7th century AD, after the rise of Islam, Arab traders started plying these maritime routes and dominated the western Indian Ocean maritime routes. Arab traders eventually took over conveying goods via the Levant and Venetian merchants to Europe until the rise of the Seljuk Turks in 1090. Later the Ottoman Turks held the route again by 1453 respectively. Overland routes helped the spice trade initially, but maritime trade routes led to tremendous growth in commercial activities to Europe. The trade was changed by the Crusades and later the European Age of Discovery, during which the spice trade, particularly in black pepper, became an influential activity for European traders. From the 11th to the 15th centuries, the Italian maritime republics of Venice and Genoa monopolized the trade between Europe and Asia. The Cape Route from Europe to the Indian Ocean via the Cape of Good Hope was pioneered by the Portuguese explorer navigator Vasco da Gama in 1498, resulting in new maritime routes for trade. This trade, which drove world trade from the end of the Middle Ages well into the Renaissance, ushered in an age of European domination in the East. Channels such as the Bay of Bengal served as bridges for cultural and commercial exchanges between diverse cultures as nations struggled to gain control of the trade along the many spice routes. In 1571 the Spanish opened the first trans-Pacific route between its territories of the Philippines and Mexico, served by the Manila Galleon. This trade route lasted until 1815. The Portuguese trade routes were mainly restricted and limited by the use of ancient routes, ports, and nations that were difficult to dominate. The Dutch were later able to bypass many of these problems by pioneering a direct ocean route from the Cape of Good Hope to the Sunda Strait in Indonesia. (en)
  • Per rotta delle Spezie, anche via delle Spezie, s'intende la rete commerciale intercontinentale che, sin dall'Antichità, ha portato spezie ed aromi dai loro paesi d'origini, prevalentemente ubicati in Estremo Oriente, al Bacino del Mediterraneo ed all'Europa. Le spezie sono sostanze profumate prevalentemente vegetali dai molteplici usi, spesso rare e preziose, il cui commercio, nella storia, ha ampiamente influenzato le civiltà che lo esercitavano. Sebbene ci siano piante di spezie in ogni continente, alcune specie dell'Asia meridionale, come lo zenzero, la cannella e soprattutto il pepe, hanno dettato la direzione del commercio su larga scala. La noce moscata e i chiodi di garofano, la cui coltivazione è stata a lungo confinata a poche isole dell'Insulindia, spesso servono come indicatori dei legami forgiati tra popoli e culture molto lontane. Il commercio delle spezie ha coinvolto civiltà storiche in Asia, Africa nord-orientale ed Europa sin dall'Antichità. Spezie come cannella, cassia, cardamomo, zenzero, pepe, noce moscata, anice stellato, chiodi di garofano e curcuma erano conosciute e usate, soprattutto a fini religiosi, nell'antichità e commerciate nel mondo orientale. Le spezie asiatiche trovarono così una strada per penetrare nel Vicino Oriente Antico e nell'Antico Egitto, spesso con racconti fantastici che nascondono le loro vere fonti. La tratta marittima della rotta che metteva i paesi produttori a contatto con lo snodo di scambio costituito dall'India era dominato dai popoli austronesiani nel sud-est asiatico, gli antichi marinai indonesiani che stabilirono rotte dal sud-est asiatico (e successivamente dalla Cina) allo Sri Lanka e all'India entro il 1500 a.C. Le merci venivano poi trasportate via terra verso il Mediterraneo e il mondo greco-romano attraverso la c.d. "Via dell'incenso" (enormemente cresciuta d'importanza in Età Ellenistica grazie alla scoperta del monsone) e le rotte romano-indiane da commercianti indiani e persiani, contribuendo, insieme alla Via della seta, ai contatti tra i greco-romani e la Cina. Le rotte commerciali marittime austronesiane si espansero successivamente nel Medioriente e nell'Africa orientale entro il I millennio d.C., determinando la colonizzazione austronesiana del Madagascar. Le civiltà toccate dal commercio delle spezie, evolvettero di conseguenza, sbocciando e crollando. Il Regno di Axum (V secolo a.C.-XI secolo) aveva aperto la strada alla rotta del Mar Rosso prima del I secolo d.C. Durante il primo millennio d.C., gli etiopi divennero la potenza commerciale marittima del Mar Rosso da cui ormai partivano rotte consolidate per l'India e lo Sri Lanka (la Taprobana dei Romani) grazie alla tecnologia marittima appresa dai contatti con gli austronesiani. Entro la metà del VII secolo d.C., il Crollo dell'Impero romano d'Occidente e, soprattutto, l'espansione islamica mise i commercianti arabi nella condizione di percorrere le rotte marittime dell'Oceano Indiano occidentale, baricentro e crocevia del mercato mondiale delle spezie, dalle fonti di produzione dell'Asia meridionale e dell'arcipelago malese, e il mercato arabo-musulmano e cinese, e di dominarle. Le spezie raggiungevano il Levante attraverso le rotte del Golfo Persico e del Mar Rosso e venivano ridistribuite dai mercanti Levantini ed Italiani nel Mediterraneo. L'Europa medievale, con l'eccezione delle repubbliche marinare italiane (fond. Venezia e Genova) direttamente coinvolte nella parte terminale della tratta tramite un complesso sistema d'avamposti commerciali, giocava solo un ruolo molto marginale in questa rete, in pratica fungendo da mercato di destinazione finale ove questi beni (di cui spesso l'utente nemmeno conosceva l'origine) venivano acquistati a prezzi esorbitanti. Questi prezzi, allora come oggi, risentivano delle fluttuazioni provocate dai rivolgimenti politici dei centri di smercio: fond. l'affermarsi in Anatolia prima del sultanato dei turchi selgiuchidi (1090) e poi dei turchi ottomani (1453). Questa situazione mutò quando gli Europei volsero al Levante la loro attenzione, prima con le Crociate e poi con la ricerca di un accesso diretto ai paesi produttori di spezie che originò la c.d. "Età delle scoperte", durante la quale il commercio delle spezie, in particolare del pepe, divenne un'attività influente per i commercianti europei. Lo Sviluppo marittimo iberico (1400-1600) fu fortemente motivate dal desiderio di catturare la manna delle spezie asiatiche. L'apertura della rotta verso l'India attraverso il Capo di Buona Speranza (c.d. "Rotta del Capo") ad opera del portoghese Vasco da Gama nel 1498 ebbe un effetto duraturo sui termini e sulle dimensioni di questo commercio e portò l'economia mondiale verso i tempi moderni. Questo commercio, tedoforo del commercio mondiale dalla fine del Medioevo al Rinascimento, inaugurò l'era della supremazia europea in Oriente Canali come il Golfo del Bengala servivano da ponti per gli scambi culturali e commerciali tra culture diverse mentre le nazioni lottavano per ottenere il controllo del commercio lungo le numerose rotte delle spezie. Nel 1571 gli spagnoli aprirono la prima rotta transpacifica tra i loro territori delle Filippine e del Messico, inaugurando la tratta dei "Galeoni di Manila" che durò fino al 1815. I portoghesi dovettero invece fronteggiare nazioni antiche difficili da sottomettere, forti soprattutto d'una secolare tradizione nautica. Gli olandesi furono in seguito in grado d'aggirare molti di questi problemi aprendo la strada a una rotta oceanica diretta dal Capo di Buona Speranza allo Stretto della Sonda in Indonesia. Il Regno del Portogallo, l'Impero spagnolo, i Paesi Bassi, il Regno d'Inghilterra e il Regno di Francia, gestirono dapprima la loro presenza nell'Oriente tramite le c.d. "Compagnie delle Indie" da cui svilupparono poi gli imperi coloniali moderni. La ricerca delle spezie fu quindi una delle radici dell'espansione europea e aprì la strada al colonialismo e agli imperi mondiali. L'interesse per le spezie diminuì in maniera piuttosto marcata a partire dalla seconda metà del XVII secolo. Furono sostituite da nuovi prodotti coloniali, come zucchero, caffè, tabacco e cacao. Le cause di questo declino sono dibattute ma è probabile che siano legate alla scomparsa della ragione stessa che le ha rese tanto fortunate: una volta levato il velo di mistero e magia che avvolgeva la loro natura e le loro origini, le spezie hanno cessato di incantare mondo. (it)
  • De specerijenhandel is een commerciële activiteit, waarbij in de oudheid, middeleeuwen en vroegmoderne tijd specerijen, peper en andere exotische Aziatische producten naar Europa werden geëxporteerd in ruil voor goud en zilver. De specerijen waren destijds in de keuken zeer gewild als smaakstoffen en conserveringsmiddelen. Ook schreef men er gunstige geneeskundige werkingen aan toe. Zelfs meende men in de middeleeuwen dat de specerijen onmiddellijk uit het paradijs kwamen. Door hun schaarste waren specerijen ultieme luxeproducten voor de elite van de westerse rijken. Deze specerijenhandel heeft een grote invloed uitgeoefend op de wereldgeschiedenis. Een netwerk van handelsroutes verbond ver van elkaar gelegen gebieden in Europa en Azië. Langs deze routes werden eeuwenlang behalve goederen ook kennis en ideeën uitgewisseld. In tegenstelling tot de zijderoute, die China door middel van karavaanroutes met het Midden-Oosten verbond, verliep de handel in specerijen vooral over zee. De Indische Oceaan met zijn regelmatige moessonwinden was al heel vroeg een belangrijke verkeersader voor de Aziatische handel. In het westen van deze oceaan vormden de Rode Zee en de Perzische Golf de toegangspoorten tot de Europese afnemers van de specerijen. Een eerste bloeiperiode kende de specerijenhandel in de Hellenistische en Romeinse tijd. Alexander de Grote (356 v.Chr.–323 v.Chr.) had de landroute naar India verkend. Vanuit Egypte organiseerden eerst de Ptolemaeën en later de Romeinen een directe handel met India over de Arabische Zee. Met de ineenstorting van het Romeinse Rijk kwam deze directe handel ten einde. De islamitische veroveringen in de zevende eeuw sneden het christelijke Europa helemaal af van de Indische Oceaan, die eeuwenlang gedomineerd werd door Arabische zeevaarders en handelaren. In het kielzog van deze zeevaarders kreeg de islam vaste voet aan de grond in de Aziatische kustgebieden. Door de toenemende Europese welvaart na het jaar 1000 en onder invloed van de kruistochten kwam de specerijenhandel met Europa weer tot leven. Italiaanse maritieme republieken als Genua en vooral Venetië domineerden de handel in de Middellandse Zee. De Italianen kochten hun waren in Alexandrië en distribueerden ze over heel Europa. Voor Venetië was deze handel de grondslag voor haar rijkdom, net als voor de mammelukken, de Egyptische machthebbers. Voor andere Europeanen was de wens om directe toegang te verkrijgen tot de rijkdommen van Azië een belangrijke stimulans voor de grote ontdekkingsreizen rond het jaar 1500. Christoffel Columbus ontdekte in 1492 een Nieuwe Wereld op zoek naar een westwaartse route naar Azië. De Portugese ontdekkingsreiziger Vasco da Gama slaagde erin 1498 als eerste Europeaan in om India via het omzeilen van Afrika te bereiken. De Portugezen wisten de specerijenhandel naar Europa een tijdlang naar zich toe te trekken, maar slaagden er uiteindelijk niet in de handelsroute via de Rode Zee naar Egypte te elimineren. Uiteindelijk wist de Nederlandse Vereenigde Oostindische Compagnie een gedeeltelijk monopolie op de handel te verkrijgen. Dit vormde de basis voor het koloniale rijk Nederlands-Indië. Na de 17e eeuw werden de specerijen echter meer en meer een normaal handelsartikel en verloren ze hun betekenis als drijvende kracht in de wereldhandel. (nl)
  • 香辛料貿易(こうしんりょうぼうえき)は、香辛料、香、ハーブ、生薬及びアヘンなどを対象とした、古くから行われていた貿易(交易)のことである。アジア圏は古代から香辛料貿易に関わり、古代ギリシャ・ローマとも、ローマ-インドルートと香の道 (Incense Route) を通して取引を行った。ローマ-インドルートはアクスム王国(BC5世紀-AD11世紀)が1世紀以前に開拓した紅海航路を用いるなど海洋国家に依存した。7世紀中頃、発達したイスラム圏がエジプトとスエズを結ぶ隊商路を遮断してしまうと、アクスム王国(及びインド)は、ヨーロッパ貿易圏から離れてしまった。 アラブの貿易商は、レバント地方とヴェネツィアの商人を通してヨーロッパと取引を続けた。当初は、陸上ルートが香辛料貿易の主要なルートであったが、これは海上ルートによる商業活動の急激な成長にも繋がった。中世中期から終わりにかけて、香辛料貿易においてイスラムの貿易商達がインド洋航路を支配し、極東の資源地開発を行った。彼らはインド洋航路を通して、インドの貿易市場からヨーロッパへの陸上ルートに繋がるペルシア湾や紅海に向かって香辛料を輸送した。このようにアラブの貿易商達が香辛料貿易を支配したが、1453年にオスマン帝国が東ローマ帝国を滅ぼし、地中海の制海権を得ると、これらを通る交易路に高い関税をかけたため、アラブ商人主導の貿易は衰退していく。 大航海時代に入ると貿易は一変する。香辛料貿易(特にコショウ)は、大航海時代を通してヨーロッパの貿易商たちの主要な活動となった。1498年にヴァスコ・ダ・ガマが喜望峰経由によるヨーロッパ-インド洋航路を発見し、新しい通商航路を開拓すると、ヨーロッパ人が直接インド洋始め東洋に乗り込んでいった。特にポルトガルはいわゆるポルトガル海上帝国を築き、当時の交易体制を主導した。 この大航海時代の貿易(中世の終わりから近世にかけての世界経済)は、東洋におけるヨーロッパ優位の時代を作った。国家は貿易の支配を目指して香辛料交易路を巡って戦ったが、それは例えばベンガル湾航路のように、様々な文化の交流、あるいは文化間の貿易取引を橋渡しする役割も持った。だが、ヨーロッパ支配地は発展するのが遅れた。ポルトガルは、自身の影響下にあった古代のルートや港湾、支配の難しい国を用いる交易路に制限や限定を行った。オランダは(時間はかかるが)インドネシアのスンダ海峡と喜望峰を直接結ぶ遠洋航路を開拓してポルトガルの支配する海域を避け、これら多くの問題を回避した。 (ja)
  • As rotas das especiarias foram rotas comerciais geradas pelo comércio de especiarias provenientes da Ásia. Estas rotas remontam à antiguidade greco-romana interligando diversos povos ao longo do tempo, da Europa à Ásia. Ligando importantes pontos comerciais e cruzando grande parte do mundo então conhecido, as rotas de especiarias para a Europa foram sucessivamente dominadas por mercadores do norte de e do Médio Oriente, pela República de Veneza no Mediterrâneo e, mais tarde, pelos portugueses que, com a descoberta do caminho marítimo para a Índia iniciariam uma rota marítima alternativa. A rota do Cabo, contornando África, viria a ser explorada também pelos Holandeses, entre outras potências europeias.As rotas das especiarias passavam por vários intermediários antes de serem revendidos na europa medieval (pt)
  • Дорога специй — сухопутная часть одного из древнейших торговых маршрутов на земле, связывавшего Индию, Острова пряностей и Восточную Африку со странами Средиземноморья. Начинался от портов Аравийского и Красного морей, где товары перегружались на караваны, которые шли через Петру к побережью Средиземного моря. Для облегчения торговли царица Хатшепсут, фараоны Сенусерт III и Нехо I, а также царь Дарий I предпринимали попытки прорыть канал, связывающий Красное море со Средиземным. Во времена царя Соломона сухопутная часть дороги специй выходила к побережью Эйлатского залива в районе города Эцион-Гавер (нынешний Эйлат). По этому пути доставляли не только специи с Островов Пряностей (корица, имбирь, перец) из Индии, но и ценные породы дерева и слоновую кость из Восточной Африки, шёлк из Китая, золото, серебро, драгоценные камни. Тогда пошёл Соломон в Ецион-Гавер и в Елаф, который на берегу моря, в земле Идумейской. И прислал ему Хирам чрез слуг своих корабли и рабов, знающих море, и отправились они с слугами Соломоновыми в Офир, и добыли оттуда четыреста пятьдесят талантов золота, и привезли царю Соломону — 2Пар. 8:17 В зависимости от военно-политической обстановки отдельные участки дороги специй, как и любого другого торгового маршрута, могли смещаться в сторону более безопасных районов. Так, например, во времена царя Ирода основным портом для торговли пряностями на этом маршруте на берегу Средиземного моря была Кейсария, а во время крестовых походов караваны из Петры, обходя район конфликта, шли южнее, выходя к Средиземному морю в районе Эль-Ариша, но эта торговля никогда не прерывалась. Мусульманское господство над маршрутом торговли специями вынудило европейцев искать обходные пути, что, в конечном итоге, привело к эпохе великих географических открытий. (ru)
  • 香料贸易在人类历史上有着举足轻重的作用,尤其是中世纪的欧洲,对香料的渴望直接催生了地理大发现。从遥远的东方运送香辛料到欧洲的贸易线路被称为香料之路。香料作为当时最贵重的商品之一,其价值几与黄金相当。英语中“Spice”(香辛料)这个词来源于拉丁语“species”,常用来指代贵重但量小的物品。 在16世纪,葡萄牙统治了东印度的香料贸易,17世纪的霸主是荷兰,而18世纪则是英国。而在16~19世紀初,中國大陸是世界上最大的香料市場,東南亞大部分香料都銷往這裡;而荷蘭、英國、美國等國商人,就由廣州運載中國香料返國,廣州成為早期東南亞香料的集散中心。 (zh)
  • Дорога спецій — сухопутна частина одного з найдавніших торгових маршрутів на землі, що зв'язував Індію, Острови прянощів і узбережжя Суахілі в Східній Африці з країнами Середземномор'я. (uk)
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  • Spickomerco estas komerca aktiveco de tre antikva deveno kiu konsistas en la merkatigo de spicoj, kaj aliaj similaj varoj kiel incenso, kanabo, odorherboj ktp. (eo)
  • El comercio de especias es una actividad comercial de origen antiguo que consiste en la comercialización de especias, y otras como inciensos, cáñamos, hierbas. café La sal era el conservador más común y barato , aparte de ella las especias más usadas eran la pimienta que venía de la India , la canela de Ceilán , el jengibre de china y el clavo de olor , las más preciadas de las Islas Molucas.[cita requerida] (es)
  • 香料贸易在人类历史上有着举足轻重的作用,尤其是中世纪的欧洲,对香料的渴望直接催生了地理大发现。从遥远的东方运送香辛料到欧洲的贸易线路被称为香料之路。香料作为当时最贵重的商品之一,其价值几与黄金相当。英语中“Spice”(香辛料)这个词来源于拉丁语“species”,常用来指代贵重但量小的物品。 在16世纪,葡萄牙统治了东印度的香料贸易,17世纪的霸主是荷兰,而18世纪则是英国。而在16~19世紀初,中國大陸是世界上最大的香料市場,東南亞大部分香料都銷往這裡;而荷蘭、英國、美國等國商人,就由廣州運載中國香料返國,廣州成為早期東南亞香料的集散中心。 (zh)
  • Дорога спецій — сухопутна частина одного з найдавніших торгових маршрутів на землі, що зв'язував Індію, Острови прянощів і узбережжя Суахілі в Східній Африці з країнами Середземномор'я. (uk)
  • طريق التوابل هو طريق تجارية كان يصل القارات في حضارات العالم القديم لتجارة التوابل بين آسيا والقرن الأفريقي وأوروبا. كانت مختلف أنواع التوابل سلعة متداولة بين التجار من بينها القرفة والهال والزنجبيل والفلفل الأسود والكركم وغيرها. كانت طريق التوابل تبدأ من الهند، وكان التجار يتداولون بها إلى أن تصل إلى الموانئ والمرافئ البحرية أو عبر الطرق البرية. كان التجار العرب معروفين بهذه التجارة وازدهرت عدة مدن عربية عبر هذه الطريق التجارية. وكانت سفن إيطاليا والبندقية وجنوة تحملها معها من مدائن الشرق إلى أسواق مدينة ليون الكبيرة. وهي المدينة الثانية في فرنسا من حيث الأهمية. (ar)
  • La ruta de les espècies és la que es va originar pel comerç d'espècies entre civilitzacions històriques d'Àsia, Àfrica del nord-est i Europa. Es coneixien espècies com la canyella, la cassia, el cardamom, el gingebre, el pebre i la cúrcuma i altres com encens, cànems, herbes que es van utilitzar en l'antiguitat per al comerç amb ell món oriental. Aquestes espècies van trobar el seu camí cap a l'Orient Mitjà abans del començament de l'era cristiana, on els comerciants van retenir les veritables fonts d'aquestes espècies que sovint es van associar amb històries fantàstiques. (ca)
  • Το εμπόριο μπαχαρικών αναφέρεται στο εμπόριο μεταξύ ιστορικών πολιτισμών στην Ασία, τη Βορειοανατολική Αφρική και την Ευρώπη. Μπαχαρικά όπως κανέλα, κασσία, κάρδαμο, πιπερόριζα, πιπέρι και κουρκουμάς ήταν γνωστά και χρησιμοποιήθηκαν στην αρχαιότητα για εμπόριο στον Ανατολικό κόσμο. Αυτά τα μπαχαρικά βρήκαν το δρόμο τους για την Εγγύς Ανατολή πριν από την έναρξη της χριστιανικής εποχής, όπου οι πραγματικές πηγές αυτών των μπαχαρικών σταμάτησαν από τους εμπόρους και συνδέονταν με φανταστικές ιστορίες. (el)
  • Historian zehar espezia merkataritzak ibilbide luze eta lehiatsu bat eduki du eta gizarte asko eta asko hartu dute parte honetan, batez ere, Mediterraneo itsaso inguruan kokatzen direnak. Ekialdera joateko bidea bilatu zuten lehenak egiptoarrak izan ziren, eta garai honetako espezia preziatuenak txarpoila, sesamoa, ziapea eta azafraia ziren, eta honetaz gain, olibanoa eta mirra, erritu erlijiosoetarako erabiliak. (eu)
  • Les épices et les aromates sont des substances odorantes principalement végétales aux usages multiples. Ces marchandises souvent rares et précieuses ont fait l'objet d'échanges commerciaux dès la Haute Antiquité. L'histoire du commerce des épices s'intéresse surtout au commerce au long cours de ces ressources et à l'influence qu'il a pu avoir sur les différentes civilisations qui l'ont exercé. Bien qu'il y ait des plantes à épices sur tous les continents, quelques espèces du sud asiatique, comme le gingembre, la cannelle et surtout le poivre, ont dicté l'orientation des échanges à grande échelle. La noix de muscade et le clou de girofle, dont la culture était longtemps cantonnée à quelques îles de l'Insulinde, servent souvent de marqueurs des liens tissés entre des peuples et des cultures (fr)
  • Perdagangan rempah mengacu pada perdagangan antara peradaban-peradaban bersejarah di Asia, Afrika Timur, dan Eropa. Rempah-rempah seperti kayu manis, cengkeh, kayu manis cina, kapulaga, jahe, dan kunyit secara luas dikenal, dan sangat dicari dalam perdagangan di Dunia Timur zaman dahulu. Rempah-rempah tersebut menemukan jalan mereka ke Timur Tengah sebelum awal era Kristen, tempat sumber-sumber sebenarnya dari rempah-rempah tersebut dirahasiakan oleh para pedagang, yang mengkait-kaitkannya dengan cerita-cerita yang fantastis. (in)
  • The spice trade involved historical civilizations in Asia, Northeast Africa and Europe. Spices such as cinnamon, cassia, cardamom, ginger, pepper, nutmeg, star anise, clove, and turmeric were known and used in antiquity and traded in the Eastern World. These spices found their way into the Near East before the beginning of the Christian era, with fantastic tales hiding their true sources. (en)
  • Per rotta delle Spezie, anche via delle Spezie, s'intende la rete commerciale intercontinentale che, sin dall'Antichità, ha portato spezie ed aromi dai loro paesi d'origini, prevalentemente ubicati in Estremo Oriente, al Bacino del Mediterraneo ed all'Europa. Le spezie sono sostanze profumate prevalentemente vegetali dai molteplici usi, spesso rare e preziose, il cui commercio, nella storia, ha ampiamente influenzato le civiltà che lo esercitavano. Sebbene ci siano piante di spezie in ogni continente, alcune specie dell'Asia meridionale, come lo zenzero, la cannella e soprattutto il pepe, hanno dettato la direzione del commercio su larga scala. La noce moscata e i chiodi di garofano, la cui coltivazione è stata a lungo confinata a poche isole dell'Insulindia, spesso servono come indicatori (it)
  • 香辛料貿易(こうしんりょうぼうえき)は、香辛料、香、ハーブ、生薬及びアヘンなどを対象とした、古くから行われていた貿易(交易)のことである。アジア圏は古代から香辛料貿易に関わり、古代ギリシャ・ローマとも、ローマ-インドルートと香の道 (Incense Route) を通して取引を行った。ローマ-インドルートはアクスム王国(BC5世紀-AD11世紀)が1世紀以前に開拓した紅海航路を用いるなど海洋国家に依存した。7世紀中頃、発達したイスラム圏がエジプトとスエズを結ぶ隊商路を遮断してしまうと、アクスム王国(及びインド)は、ヨーロッパ貿易圏から離れてしまった。 アラブの貿易商は、レバント地方とヴェネツィアの商人を通してヨーロッパと取引を続けた。当初は、陸上ルートが香辛料貿易の主要なルートであったが、これは海上ルートによる商業活動の急激な成長にも繋がった。中世中期から終わりにかけて、香辛料貿易においてイスラムの貿易商達がインド洋航路を支配し、極東の資源地開発を行った。彼らはインド洋航路を通して、インドの貿易市場からヨーロッパへの陸上ルートに繋がるペルシア湾や紅海に向かって香辛料を輸送した。このようにアラブの貿易商達が香辛料貿易を支配したが、1453年にオスマン帝国が東ローマ帝国を滅ぼし、地中海の制海権を得ると、これらを通る交易路に高い関税をかけたため、アラブ商人主導の貿易は衰退していく。 (ja)
  • De specerijenhandel is een commerciële activiteit, waarbij in de oudheid, middeleeuwen en vroegmoderne tijd specerijen, peper en andere exotische Aziatische producten naar Europa werden geëxporteerd in ruil voor goud en zilver. De specerijen waren destijds in de keuken zeer gewild als smaakstoffen en conserveringsmiddelen. Ook schreef men er gunstige geneeskundige werkingen aan toe. Zelfs meende men in de middeleeuwen dat de specerijen onmiddellijk uit het paradijs kwamen. Door hun schaarste waren specerijen ultieme luxeproducten voor de elite van de westerse rijken. (nl)
  • As rotas das especiarias foram rotas comerciais geradas pelo comércio de especiarias provenientes da Ásia. Estas rotas remontam à antiguidade greco-romana interligando diversos povos ao longo do tempo, da Europa à Ásia. Ligando importantes pontos comerciais e cruzando grande parte do mundo então conhecido, as rotas de especiarias para a Europa foram sucessivamente dominadas por mercadores do norte de e do Médio Oriente, pela República de Veneza no Mediterrâneo e, mais tarde, pelos portugueses que, com a descoberta do caminho marítimo para a Índia iniciariam uma rota marítima alternativa. A rota do Cabo, contornando África, viria a ser explorada também pelos Holandeses, entre outras potências europeias.As rotas das especiarias passavam por vários intermediários antes de serem revendidos na (pt)
  • Дорога специй — сухопутная часть одного из древнейших торговых маршрутов на земле, связывавшего Индию, Острова пряностей и Восточную Африку со странами Средиземноморья. Начинался от портов Аравийского и Красного морей, где товары перегружались на караваны, которые шли через Петру к побережью Средиземного моря. Для облегчения торговли царица Хатшепсут, фараоны Сенусерт III и Нехо I, а также царь Дарий I предпринимали попытки прорыть канал, связывающий Красное море со Средиземным. — 2Пар. 8:17 (ru)
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  • تجارة التوابل (ar)
  • Ruta de les espècies (ca)
  • Εμπόριο μπαχαρικών (el)
  • Spickomerco (eo)
  • Comercio de especias (es)
  • Espezia merkataritza (eu)
  • Perdagangan rempah (in)
  • Histoire du commerce des épices (fr)
  • Rotta delle spezie (it)
  • 香辛料貿易 (ja)
  • Specerijenhandel (nl)
  • Rota das especiarias (pt)
  • Spice trade (en)
  • Дорога специй (ru)
  • 香料贸易 (zh)
  • Дорога спецій (uk)
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